वर्तमान समय में डाॅं.बी. आर.अम्बेडकर के आर्थिक विचारो की प्रासांगिकताः
DOI:
https://doi.org/10.1080/jvtnetwork.v27i1.46Abstract
समान्यतः लोग डाॅं.बी.आर.अम्बेडकर को संविधान निर्माता, राजनीतिज्ञ, न्यायविद, दलित नेता, समाज सुधारक के रूप में जानते है अधिकांश व्यक्ति इस तथ्य से अनभिज्ञ है कि डाॅं. अम्बेडकर संविधान निर्माता के साथ अर्थशास्त्री भी है डाॅं. अम्बेडकर के अध्ययन एवं शोध का मुख्य विषय अर्थशास्त्र ही रहा है डाॅंॅं.अम्बेडकर के आर्थिक विचार अत्यधिक सराहनीय है। इस शोध पत्र का उद्देश्य डाॅं. अम्बेडकर के आर्थिक विचारों को उजागर करना है डाॅं. अम्बेडकर का आर्थिक विकास में महत्वपूर्ण योगदान रहा है अर्थशास्त्र एक ऐसे विषय के रूप में जाना जाता है। जो हमारे जीवन के हर पहलु से जुडा है मार्शल ने अर्थशास्त्र को इस प्रकार परिभाषित किया है ‘‘अर्थशास्त्र जीवन की साधारण दिनचर्या मेंमानव के कार्यो का अध्ययन करता है अर्थात मनुष्य आय अर्जित करता है तथा उपभोग में लगा रहता है ’’डाॅं. अम्बेडकर ने मौद्रिक अर्थशास्त्र, राजकोषीय नीति, कृषि अर्थशास्त्र, महिला सशक्तीकरण, भूमि सुधार, श्रम कानून पर अपने विचारों के माध्यम से भारतीय अर्थव्यवस्था के विकास में अपना महत्वपूर्ण योगदान दिया है।इस प्रकार हम कह सकते है कि डाॅं. अम्बेडकर एक उच्च कोटि के अर्थशास्त्री थे तथा उन्होने अर्थशास्त्र में जो विचार प्रस्तुत किए वह आज भी प्रासंगिक है।